Naga Sadhu :
महाकुंभ मेले मैं नागा साधु को प्रचंड साधु माना जाता है . नागा साधु देवों के देव महादेव शिव के परम भक्त हैं नागा साधु के लम्बी – लम्बी जट जटाएं होती है इन जट जटाओं को देखने के लिए अलग अलग दिशा से लोग एकत्रित होते है इन जटाओं मै बहुत ऊर्जा होती है यह ऊर्जा इन की तव्यसा और साधना से मिलती है इसलिए नागा साधु अत्यंत अदभुत और दुर्लभ माने जाते है इसलिए वह अपने बालों को नहीं कटवाते हैं ऐसा क्यों करते है नागा साधु आइए इस के बारे में विस्तार और इस का कारण जाने ?
Naga sadhu in महाकुंभ 2025 :
प्रयागराज में कुंभ में महाकुंभ मेला चल रहा है महाकुंभ का अदभुत नागा साधु माने जाते है हर मनुष्य और सब भक्त गड नागा साधु को देखने के लिए लालाइत रहते है इनको देखने मात्र से सारी परेशानिया नस्ट हो जाती है नागा साधुओ के रहस्य से जुडी कई बाते है इनको जानने के लिए जाने , नागा साधुओ के जटाओ के बारे में लोगो का अदभुत विचार होता है परन्तु क्या आप ये जानते है की नागा साधु अपनी जट जटाओ को क्यों नहीं कटवाते है इसकी क्या रहस्य मई बाते हो सकती है इसको जानने के लिए आगे पढ़े बहुत सारी ऐसी बाते आप को भी नहीं पता होगी इसको जानने के लिए आगे पढ़े

बाल न कटवाना इस बात का लक्षण हैं
जैसे कि बाल न कटवाना सांसारिक बंधनों और इच्छाओं और आने वाले समय को त्यागने का लक्षण माना जाता हैं. जैसे कि बाल न कटवाना नागा साधुओं की तपस्या और साधना का मेन हिस्सा माना जाता है नागा साधु देवों के देव महादेव के सबसे परम भक्त होते है और देवो के देव महादेव शिव जी की जटाएं बहुत लम्बी हैं नागा साधु भगवान देवों के देव महादेव शिव जी की पूजा करते हैं और भगवान देवों के देव महादेव शिव जी को खुश करने के लिए नागा साधु अपने जटाओं को नहीं कटवाते है और नागा साधु अपने बाल बड़े और लम्बे रखते है
इसीलिए नागा साधु नहीं कटवाते है बाल :
नागा साधुओं की जटाओं को देवो के देव महादेव शिव के लिए नागा साधुओं की भक्ति और तपस्या और साधना का लक्षण माना जाता है नागा साधुओं के विचार से, बाल कटवाने से देवो के देव महादेव शिव जी क्रोध में आ जाते है और नागा साधु के जटाएं नहीं होती है तो वो कोई शिव जी के भक्त नहीं माने जाते है और वो दुर्लभ या शक्तिशाली भी नहीं माने जाते है और कोई नागा साधु बाल कटवा लेते है तो उनकी शक्ति अधूरी मानी जाती है और शक्तिहीन हो जाते है फिर वो चाहे जितने तपस्या और साधना कर ले फिर उनको फल नहीं मिलता है और इसलिए नागा साधु अपने बाल कभी नहीं कटवाते है
नागा साधु बनने के तीन चरण नागा :
साधु बनने के तीन चरण नागा साधु बनने की कई दुर्लभ और कठिन प्रकिरिया होती है नागा साधु बनने में बहुत कठिनाइया आती है नागा साधु बनने में कई वर्ष लगते है नागा साधु बनने में लगभग २४ वर्ष का समय लगता है नागा साधु बनने के तीन चरण होते है
1.पहला चरण :
पहले चरण में में नागा साधु बनने में महापुरुष और ज्ञानी
2.दूसरा चरण:
दूसरे चरण में नागसाधु अवधुत
3. तीसरा चरण
तीसरे चरण में दिगंबर माना जाता है जब कोई नागा साधु बनता है तू उसकी उम्र नहीं देखि जाती है नागा साधु बनने के लिए पहले उनके पहले बाल काटे जाते है इनके बाल पहली बार कटे जाते है इसके बाद तक नागा साधु बनने के योग्य होते है फिर बाद में नागा साधु बनने के बाद दूसरी बार बाल नहीं कटवाए जाते है नागा साधु जीवन भर अपने बाल नहीं काटते है .

चार प्रकार के नागा साधु :
चार प्रकार के नागा साधु होते है
- राजेश्वर नागा साधु
- खूनी नागा साधु
- बर्फानी नागा और
- खिचड़ी नागा
प्रयागराज के कुंभों का कुम्भ मै इन नागाओं को पहली बार दिक्षा दी जाती है उन्हें राजेश्वर नागा साधु कहा जाता है , राजेश्वर नागा साधु की संन्यास के बाद राज्य योग प्राप्त करने की इच्छा होती है. उज्जैन कुंभ में जिन नागा साधुओं को दिशा दी जाती है उन्हें खूनी नागा कहा जाता है . ये नागा साधु बहुत प्रचण्ड ( खूंखार) स्वभाव के होते है .
जिन नागाओं को हरिद्वार में दिक्षा दी जाती है उन्हें बर्फानी नागा साधु कहा जाता है . इन नागाओं का स्वभाव बहुत शांत होता हैं जिन नागाओं को नासिक कुंभ में दिक्षा दी जाती है उन्हें खिचड़ी नागा साधु कहा जाता है .