भारतीय शेयर बाजार में आज काफी भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1,400 अंक तक गिरा हुआ है और निफ्टी 22,150 के नीचे को फिसल गई है। निवेशक में हलचल का माहौल दिख रहा है और शेयर बाजार में काफी नीचे और ऊंचे का माहौल बना है और देखने को मिल रहा है। आइए आप को बताते हैं कि आखिरकार इस गिरावट के पीछे का क्या रहस्य हैं और निवेशकों की आगे किसी तरह की नीति अपनानी चाहिए।
शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई?
बाजार में आज की काफी गिरावट के पीछे बहुत मुख्य कारण हैं, जिनमें वैश्विक बाजारों की स्थिरता, कारक, निवेशकों की मनो दशा और अन्य वित्तीय चिंताओं में शामिल हैं। आइए इन कारण पे विस्तार पूर्वक से एक नजर डालते हैं:
वैश्विक बाजारों में कमजोरी
अमेरिका और यूरोप के शेयर बाजार में गिरावट का माहौल बना हुआ है शेयर बाजार में जो निवेशक है वो भी डरे हुए है जल्द ही में गिरावट देखी गई है, भारतीय बाजारों में भी इसका प्रभाव देखने को मिला है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Fed) के ब्याज दर को लेकर सख्त और कठिन रुख अपनाने की संभावना से वैश्विक बाजारों में कुछ गड़बड़ और अस्थिरता बनी हुई है।और इसके बाद में , चीन की आर्थिक स्थिति भी निवेशकों के हिम्मत पर गहरा असर पड़ रहा है।
एफआईआई (विदेशी निवेशकों) की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयर बाजार में बहुत भारी बिकवाली की है। जब एफआईआई भारतीय बाजारों से निवेशक पैसे निकालते हैं, तो बाजार में बहुत गहरा दबाव बढ़ जाता है जब बहुत बड़ा निवेशक मार्केट से पैसा निकलता है तो नतीजतन, सेंसेक्स और निफ्टी में बहुत बड़ी गिरावट देखी जाती है।

और कच्चेघनी तेल की लगत होती है उसकी कीमत में भी बढ़त होती है
अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार में कच्चे तेल की कीमत बहुत तेजी से बढ़ी अचानक से कीमत में बढ़ोतरी हुई । भारत जैसे देश, जो कि तेल का बहुत बड़ा भण्डार माना जाता है, के लिए यह बहुत गलत और बुरी खबर होती है क्योंकि इससे व्यापार में घाटा बढ़ता ही रहता है और रुपये पे बहुत गहरा दबाव पड़ता है।
भारतीय रुपये में गिरावट
डॉलर के हिसाब से भारतीय रुपये थोड़ा कमजोर देखने को मिलता है। कमजोर रुपया बाहरी और विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय में पैसा कम लगता है इसलिए भारतीय बाजार को कम आंका जाता है, विदेशी जब डॉलर निकलते है बाजार से पैसे निकालते हैं और बाजार मे भारी गिरावट आ जाती है।
बैंकिंग और आईटी सेक्टर में बहुत बड़ी और काफी गिरावट हुई
आज की गिरा वट में बैंकिंग और आईटी सेक्टर के शेयरों बाजार में सबसे ज्यादा घटा हुआ। बड़े बैंक और स्टॉक में बिक वाली का दबाव बना रहे है , जबकि आईटी कंपनियों के शेयर काफी कमजोर दिखाई दे रहे है ।

शेयर बाजार में गिरावट का बहुत बड़ा और काफी असर निवेश धारक पे भी इतनी गिरावट में भी निवेशकों को बड़ा घटा हुआ है। सेंसेक्स और निफ्टी में आई नीचे की गिरावट से निवेशकों की संपत्ति में कई लाख और हजारों करोड़ रुपये की कमी में धक्का आया है। कई खुदरा निवेशक, जिन्होंने बाजार में भी तेजी के साथ दौरान इन्वेस्ट किया है , अब घटा उठा रहे हैं और हड़बहट में अपने शेयर को बेचने में लगे हैं।
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विशेष प्रकार से, छोटे मोटे निवेशकों के लिए यह बहुत कठिन और मुश्किल वक्त हो सकता है, क्योंकि वे अक्सर बाजार के उतार-चढ़ाव को लेकर अधिक संवेदन शील होते हैं।
इन्वेस्टर को अब क्या करना चाहिए?
अगर आप लोग भी इस बाजार में इन्वेस्ट करते हैं, तो घबराए की जरूरत नहीं है। बाजार में गिरावट के कारण समय कुछ महत्वपूर्ण नीतियाँ अपनाई जा सकती हैं:
घबराहट निवेश न बेचें
शेयर बाजार में गिरावट हमेशा रहती है, लेकिन यह गिरावट हमेशा बनी रहती है । यदि आपने अच्छे फंडामेंटल और हाइ लेवल वाले शेयरों में इन्वेस्ट किया है, तो परेशान न हो।

बहुत लंबी समय के नजरिए से पैसे निवेश करें
अगर आपका निवेश दीर्घ कालिक (long-term) है, तो शेयर बाजार की अस्थिरता को देखना बंद करे और नजर अंदाज करें और अपने पोर्टफोलियो तगड़ा और मजबूत बनाए रखें।
- खरीदारी के मौके पर नजर रखें
बाजार में जब गिरावट के दौर में कुछ बेहतरीन शेयर और स्टॉक्स बहुत सस्ते हो सकते हैं। यह इन्वेस्टर और निवेशकों के लिए अच्छे शेयरों को उचित मूल्य पर खरीदने का मौका प्राप्त हो सकता है। - विविधता (Diversification) बनाए रखें
अपनी निवेश राशि को अलग-अलग कामों में लगा दे इससे नुकसान कम होगा अलग अलग बांटकर खतरा को कम करें। केवल एक ही जगह और सेक्टर पर निर्भर रहना खतरे से भरा हो सकता है। - पेशेवर सलाह लें
अगर आपको निवेश को लेकर चिंता या कोई दुविधा है, तो किसी वित्तीय या किसी अच्छे व्यक्ति से संपर्क करें और अपने पोर्टफोलियो को लेकर सही फैसला और सलाह लें।